Virat kohli success life inspiring story.
नाम : विराट प्रेम कोहली.
पिता का नाम: प्रेम कोहली.
माता: सरोज कोहली.
जन्म: 5 नोव्हेंबर 1988.
हाइट : 5 फीट 9 इंच.
जन्म कहा हुआ: दिल्ली
टीम में रोल : बैट्समैन (मैंन रोल) – कभी कभी बोलिंग.
बैटिंग स्टाइल: राईट हैण्ड बैट्समैन
Indian Test Captain Virat Kohli के बारे मे कोन नहीं जनता लेकिन उनके इस Success की Story बहुत कम लोग ही जानते है। विराट कोहली का जन्म दिल्ली मे 5 नवम्बर 1988 को हुआ था। विराट कोहली पंजाबी फॅमिली से belong करते है उन्होने अपनी शिक्षा विशाल भारती स्कूल से हासिल की थी। उनके माता का नाम सरोज कोहली और पिता का नाम प्रेम कोहली था। इसके अलावा उनकी एक बड़ी बहन और एक बड़ा भाई भी है। उनके पिता एक वकील थे और उनकी मौत दिसम्बर 2008 मे हो गई थी।
उनके परिवार के अनुसार जब कोहली 3 साल के थे तभी उन्होंने क्रिकेट बैट हात में ली थी, और अपने पिता को बोलिंग करने कहा था. 9 साल की उम्र में विराट ने West Delhi Cricket Academy ज्वाइन की. जबकी विराट के पिता ने तभी विराट को प्रोफेशनल क्रिकेट सिखाने के लिए पड़ोसी के कहने से एकेडमी ज्वाइन करा दी. Raj Kumar Sharma ने उनको एकेडमी में ट्रेनिंग दी. खेल के साथ ही वो पढाई में अव्वल थे. विराट के techers तभी कहते थे की विराट का फ्यूचर बहुत ही ब्राइट होगा.
18 दिसम्बर 2006 को ब्रेन स्ट्रोक की वजह से काफी दिनों तक आराम करने के बाद उनके पिता की मृत्यु हो गयी. अपने प्रारंभिक जीवन को याद करते हुए कोहली एक साक्षात्कार में बताते है की, "मैंने अपने जीवन में बहोत कुछ देखा. मैंने युवा दिनों में ही अपने पिता को खो दिया, जिससे पारिवारिक व्यापार भी डगमगा गया था, इस वजह से मुझे किराये की रूम में भी रहना पड़ा. ये समय मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी मुश्किल था… विराट कहते है की आज भी वो दिन याद आते है तो आखो में आसू आ जाते है." कोहली के अनुसार, बचपन से ही क्रिकेट प्रशिक्षण में उनके पिता ने उनकी सहायता की थी. “मेरे पिता ही मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा थे.” वही थे जो रोज़ मेरे साथ खेलते थे. आज भी मुझे उनकी कमी महसुस होती है..
Turning Point
विराट कोहली को गहरा सदमा तब लगा जब वो कर्नाटक के खिलाफ, दिल्ली के और से एक रणजी मैच खेल रहे थे, उसी दोरान उनको पता चला की उनके पिता की मौत हो गई है। यहाँ मैच में इनकी टीम को उनकी बहुत जरुरत थी अगर ऐसे में वो मैच छोड़ दे तो उनकी टीम हार रही थी, इस दुविधा में उन्होनें मैच खेलने का निर्णय लिया और बखूबी हिम्मत के साथ खेले इतना बड़ा सदमा लगने के बावजूद उन्होने अपना Confidence नहीं खोने दिया, उन्होने हिम्मत दिखते हुवे अपने Team के लिए एक अच्छी पारी खेलकर अपने Team को मुसीबतों से उबारा। उसके बाद वो सीधे घर गए और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। तब उनकी उम्र मात्र 18 साल ही थी। यह घटना से पता चलता है की उनकी काम के प्रति निष्ठा, प्रतिबद्धता और मानसिक ताकत कितनी ज्यादा है । यही स्वभाव ने उन्हें सफल एवं महान बना दिया, हम Virat के इस जज़्बे से बहुत कुछ सिख सकते है ।
विराट कोहली क्रिकेट करियर / Virat Kohli Cricket Career :
विराट कोहली एक अंतर्राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेटर है. वे दाये-हात के बल्लेबाज है और कभी-कभी दाये-हात से बोलिंग भी कर लेते है. वे अभी टेस्ट क्रिकेट की भारतीय टीम के कप्तान और वन-डे क्रिकेट की भारतीय टीम के उप-कप्तान है. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में वे रॉयल चैलेंजर बंगलौर के कप्तान है.उन्होंने घरेलु क्रिकेट में विविध-उम्र की टीम में दिल्ली का प्रतिनिधित्व भी किया है. वे अंडर-19 टीम में भारत के कप्तान थे जिसने 2008 में मलेशिया के अंडर-19 विश्वकप में इतिहास रचा था. इसके कुछ महीनो बाद ही उन्होंने श्रीलंका के विरुद्ध (Idea Cup) अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुवात की थी. जब सचिन और सहवाग चोट के कारण नहीं खेल पाये थे तो विराट को Idea Cup श्रीलंका दौरे के लिए Team मे जगह मिली थी। उन्होने अपने पहले मैच मे मात्र 12 रन बनाए थे। लेकिन चौथे एकदिवसीय मैच मे उन्होने सतक जड़ कर Team मे अपनी जगह बनाई। शुरू-शुरू में उन्हें टीम में आरक्षित खिलाडी के रूप में रखा जाता था, लेकिन जल्द ही वन-डे क्रिकेट में मध्यक्रम में उन्होंने अपने आप को साबित किया. 2011 में विश्वकप जितने वाली भारतीय टीम में से एक विराट कोहली थे. कोहली ने 2011 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ किंग्स्टन में अपना पहला टेस्ट मैच खेला. 2013 से ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में अपने शतको के कारण उन्हें “वन-डे स्पेशलिस्ट” के नाम से जाना जाता है. इसी साल वे ICC की वन-डे रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर भी पहोचे. उस समय अपने करियर में वे पहली कार वन-डे बैट्समैन की लिस्ट में पहले स्थान पर पहोचे थे. बाद में उन्हें 20-20 प्रारूप में भी सफलता मिली, वे ICC की सर्वश्रेष्ट 20-20 बैट्समैन की सुची में भी शीर्ष पर रहे.कोहली को 2012 में भारतीय वन-डे टीम के उप-कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया, और बहोत से समय भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अनुपस्थिति में भी वे टीम की बागडोर सँभालते है. धोनी के 2014 में टेस्ट से सन्यास लेने के बाद से ही कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी सौपी गयी. कोहली ने अपने नाम कई रिकार्ड्स किये जिसमे सबसे तेज़ वन-डे शतक, वन-डे क्रिकेट में सबसे तेज़ 5000 रन और सबसे तेज़ 10 वन-डे शतक बनाना भी शामिल है. वे विश्व में अकेले ऐसे बल्लेबाज़ है जिन्होंने लगातार 4 सालो तक वनडे क्रिकेट में 1000 या उस से भी ज्यादा रन बनाये है. 2015 में, वे 20-20 में 1000 रन बनाने वाले दुनिया के सबसे तेज़ बल्लेबाज़ बन गये.कोहली को कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया. जैसे की 2012 में ICC ODI प्लेयर ऑफ़ द इयर और BCCI द्वारा 2011-12 का सर्वश्रेष्ट अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर. 2013 में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने अतुल्य योगदान के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया. स्पोर्ट प्रो, एक UK मैगज़ीन, ने कोहली को 2014 में दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा मार्केटेबल व्यक्ति बताया. कोहली ISL की टीम FC गोवा और IPTL फ्रेंचाईसी UAE रॉयल्स के सह-मालक भी है.विराट एक अच्छे नागारिक भी है उनोने मार्च 2013 में एक चैरिटी फाउंडेशन स्टार्ट किया जिसका नाम है विराट कोहली फाउंडेशन.
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